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UP NEWS – मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण, लखनऊ न्यायपीठ के नवनिर्मित कार्यालय भवन का उद्घाटन किया

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उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री ने इस नवनिर्मित कार्यालय भवन से केन्द्रीय कार्मिकों की समस्याओं का समाधान करने में मदद प्राप्त होगी : मुख्यमंत्री

बाबा साहब की जयन्ती को हम सभी दलित, वंचित तथा समाज के उपेक्षित वर्ग को न्याय दिलाने के महामानव की जयन्ती के रूप में आयोजित करते

प्रधानमंत्री जी की मंशा के अनुरूप 16 जनपदों के केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण, लखनऊ पीठ की व्यवस्था की गई

सुशासन की पहली शर्त है, रूल ऑफ लॉ

विगत 10 वर्षों में कैट की लखनऊ पीठ ने 6,708 मामलों में से लगभग 6,000 मामलों का निस्तारण किया, इसे और तेज किया जा सकता प्रदेश में राजस्व सम्बन्धी मामलों के समयबद्ध निस्तारण के निर्देश दिए गए

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण, लखनऊ न्यायपीठ के नवनिर्मित कार्यालय भवन का उद्घाटन किया। उद्घाटन के उपरान्त उन्होंने भवन का अवलोकन भी किया।

इस अवसर पर अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री जी ने केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण, लखनऊ को नवीन कार्यालय भवन देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत के संविधान के शिल्पी बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर की आज पावन जयंती है। बाबा साहब की जयन्ती को हम सभी दलित, वंचित तथा समाज के उपेक्षित वर्ग को न्याय दिलाने के महामानव की जयन्ती के रूप में आयोजित करते हैं। प्रधानमंत्री जी की मंशा के अनुरूप 16 जनपदों के केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण, लखनऊ पीठ की व्यवस्था की गई है। यह उन कार्मिकों को समयबद्ध न्याय उपलब्ध कराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेगा।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ट्रिब्यूनल की स्थापना के पीछे सरकार का उद्देश्य स्पष्ट है। न्यायालय में बहुत मामले लम्बित हैं। इन लम्बित मामलों के लिए कोर्ट में अनावश्यक समय जाया ना करना पड़े, इसके लिए ट्रिब्यूनल के स्तर पर लम्बित मामलों की अलग से सुनवाई हो सके। ट्रिब्यूनल समयबद्ध तरीके से सम्बन्धित पक्षों को मेरिट के आधार पर न्याय प्रदान कर सके। इस स्पष्ट मंशा के साथ देश के अलग-अलग क्षेत्रों में ट्रिब्यूनल ने कार्य करना प्रारम्भ किया।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि केन्द्र सरकार से जुड़े विभिन्न सरकारी उपक्रमों, शासकीय व्यवस्था से जुड़े अधिकारियों एवं कार्मिकों, जिन्हें लगता था कि उनके साथ किसी स्तर पर न्याय नहीं हो पाया है, उनकी समस्याओं के निस्तारण के लिए एक प्लेटफॉर्म प्रदान कर समयबद्ध तरीके से न्याय प्रदान करने में केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण की प्रमुख भूमिका है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सुशासन की पहली शर्त है, रूल ऑफ लॉ। यह समय पर सहज और सरल हो। एक सामान्य कार्मिक, सामान्य नागरिक की किसी प्रकार की अन्याय एवं उपेक्षा होने पर उसकी समय पर सुनवाई हो, मेरिट के आधार पर मामले का निस्तारण भी हो सके। कभी-कभी न्याय प्राप्त करने में लम्बा समय लगता है। विगत 10 वर्षों में कैट की लखनऊ पीठ ने 6,708 मामलों में से लगभग 6,000 मामलों का निस्तारण किया है। इसे और तेज किया जा सकता है। बहुत सारे मामलों में दोनों पक्षों को आमने-सामने बिठाकर सुनवाई कर शीघ्र निस्तारण किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में राजस्व से सम्बन्धित 33 लाख मामले पेण्डिंग थे। यह पैमाईश, वरासत, नामांतरण, भूमि तथा पटवारी से जुड़े मामले थे। राजस्व से जुड़े ज्यादातर मामले इन पांचों मामलों से किसी न किसी तरह सम्बन्धित होते थे। इन मामलों को 30 दिन, 60 दिन, 90 दिन का समय देकर अधिकारियों को समयबद्ध तरीके से निस्तारण के निर्देश दिए गए और कहा गया कि इन्ही निश्चित दिनों में इनका निस्तारण किया जाए अन्यथा इसे डीम्ड मान लिया जाए। जिसने अपील की उसके पक्ष में फैसला मान लिया जाए। गलत फैसला होने पर जिसको सुनवाई करनी थी उसकी जवाबदेही तय की जाए। इसकी मॉनिटरिंग ऑनलाइन की जाने लगी। विगत 8 वर्षों में राजस्व सम्बन्धी 10 लाख और मामले आए इस दौरान 34 लाख मामलों का निस्तारण भी किया गया।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में राजस्व सम्बन्धी मामलों के समयबद्ध निस्तारण के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश सरकार द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी भी मामले में अधिक पेण्डेंसी ना हो। समयबद्ध निस्तारण किया जाए। इससे सरकार और कर्मचारी दोनों को राहत प्राप्त होती है। जिन लोगों को सिर्फ कार्य लटकाने की आदत होती है, ऐसे लोगों की प्रत्येक स्तर पर जवाबदेही तय की जाती है। इसके पीछे शासन की स्पष्ट मंशा रही है कि इसके लिए एक ट्रिब्यूनल का गठन किया जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि न्यायालय के बोझ को कम करने के लिए केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण, लखनऊ मामलों को समयबद्ध तरीके से मेरिट के आधार पर निस्तारित करने की कार्रवाई को आगे बढ़ाए तो मुझे विश्वास है कि केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण, लखनऊ के कार्य क्षेत्र में आने वाले जनपदों में कार्मिकों को न्याय उपलब्ध होने में मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जैसे किसी भी व्यक्ति के लिए अपने घर का महत्व होता है, इसी प्रकार प्रत्येक विभाग के लिए अपने कार्यालय का महत्व होता है। इस नवनिर्मित कार्यालय भवन से केन्द्रीय कार्मिकों की समस्याओं का समाधान करने में मदद प्राप्त होगी। आवश्यकता पड़ने पर डबल इंजन सरकार का सकारात्मक सहयोग सभी को प्राप्त होता रहेगा।

केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ0 जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस नवनिर्मित कार्यालय भवन के निर्माण में जमीन मिलने से भवन निर्माण तक के सभी कार्य मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में ही सम्पन्न हुए। केंद्र में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार बनने के बाद कोर्ट में मामलों के निस्तारण की गति में भी वृद्धि हुई है। बेंच की संख्या भी बढ़ी है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन एवं मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में तरक्की के नए आयाम जुड़े हैं, आज लखनऊ में कैट का नवनिर्मित परिसर उत्तर प्रदेश के विकास यात्रा में एक नया आयाम जोड़ेगा।

इस अवसर पर अध्यक्ष केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण नई दिल्ली श्री न्यायमूर्ति रणजित मोरे, विभागाध्यक्ष केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण लखनऊ न्यायपीठ श्री न्यायमूर्ति अनिल कुमार ओझा सहित वरिष्ठ अधिकारी एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे

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