शिक्षा का मंदिर कहे जाने वाला प्राथमिक शिक्षा विद्यालय जहां नव निहाल को भारत के भविष्य अपनी प्रारंभिक शिक्षा की शुरुआत करते हैं यहां पर अच्छे आचरण की शिक्षा भारतीय सामाजिक व्यवस्था और भारतीय संविधान में सर्वोपरि है लेकिन जब शिक्षा के मंदिर के पुजारी का ही आचरण सही ना हो तो ना निहालों का भविष्य कैसे होगा इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है इस पर काम से कम योगी सरकार को तो विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है बता दें कि ऐसा ही एक शर्मनाक मामला गोंडा जनपद के मनकापुर तहसील व विकासखंड क्षेत्र के एक सरकारी परिषदीय विद्यालय का मामला सामने आया है जहां महिला शिक्षक ने स्कूल के हेड मास्टर पर गंभीर आरोप लगाए हैं मनकापुर विकासखंड व शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय दलपतपुर से जुड़ा है यहां कार्यरत महिला शिक्षक व शिक्षामित्र का आरोप है स्कूल में इंचार्ज अध्यापक अरविंद कुमार उन लोगों को ऑफिस में बुलाकर गंदी हरकतें करते हैं अश्लील बातें करते हैं इंचार्ज अध्यापक महिला शिक्षकों को विद्यालय ऑफिस में ड्रॉप धमका कर कहते हैं किसी को कुछ बताया तो तुम मेरा कुछ भी नहीं कर पाओगी और विद्यालय आने लायक नहीं रहोगी इसलिए बेहतर यही है कि किसी को कुछ बताना मत सहायक अध्यापकों का कहना है कि इंचार्ज अध्यापक द्वारा कई बार यह ऑफर दिया गया कि बच्चों को मत पढ़ाओ क्योंकि यह प्राइवेट स्कूल नहीं है बच्चों को पढ़ाओगे तभी वेतन मिलेगा बल्कि या तो सरकारी विद्यालय है यहां तो यदि नहीं पढ़ाओगी तब भी हर महीने वेतन मिलता रहेगा हम तुम साथ में सरकारी अध्यापक हैं और सरकार हमको वेतन देती है यहां पर कौन चेक कर रहा है कि स्कूल में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है या नहीं इसलिए मेरे इस इशारा पर ऑफिस मैं आज आया करो नहीं यह देख के सारे जीवन जीने वालों के बच्चे हम लोगों के बच्चों जैसे योग्य हो जाएंगे तो हमारी आने वाली पीढ़ी को रोजी-रोटी के और लाले पड़ने लगेंगे यही नहीं सरकारी छोड़ो प्राइवेट नौकरी मिलना नामुमकिन हो जाएगा हेड मास्टर का कहना है कि आओ ऑफिस में बैठकर बात किया करेंगे तथा रात में मुझे फोन पर बात किया करो अगर तुम कभी विद्यालय नहीं आओगी तो चिंता वाली कोई बात नहीं है तुम मुझे खुश रखो मैं तुम्हें खुश रखूंगा और तुम्हारी उपस्थिति में अपनी तरफ से रजिस्टर में दर्ज कर दिया करूंगा यही नहीं उन्हें आए दिन विद्यालय में डराया और धन पाया जाता है तीनों शिक्षकों ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के साथ ही प्रदेश अस्तर के उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर अवगत कराया है और पत्र में लिखा है कि यदि इंचार्ज अध्यापक अरविंद कुमार के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई नहीं की गई तो वह विद्यालय नहीं आएंगे