गोंडा जिला के पसका के संगम तट पर पौष पूर्णिमा पर आयोजित पसका मेला में सोमवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ शीतलहर और ठंड के बीच भगवान वाराह की जन्मस्थली पसका का सूकरखेत स्थित सरयू व घाघरा के संगम तट पर लाखों श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई और मंदिर में भगवान वाराह का पूजन दर्शन किया सबसे पहले महीने भर से जप तप कल्पवास कर रहे साधु संतों ने शाही स्नान किया उसके बाद आम लोगों ने संगम में डुबकी लगाई इस दौरान संगम तट पर महाकुंभ जैसा नजारा दिखा संगम पर विशाल मेले का आयोजन किया गया संगम तट पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का जन सैलाब उमड़ पड़ा आस पास के लोग और आसपास के जिला के लोग और पड़ोसी देश नेपाल के श्रद्धालुओं ने पवित्र सरयू नदी के संगम तट में डूबती लगाकर पूर्ण अर्जित किया सूकरखेत पसका को हिंदू तीर्थ स्थल के रूप में जाना जाता है मान्यता है कि भगवान विष्णु ने इसी स्थान पर पृथ्वी को पाप से मुक्ति दिलाने के लिए सतयुग में वाराह भगवान का रूप धारण किया था हिरणयाक्ष नामक राक्षस का वध कर पृथ्वी को पाप से मुक्त कराया था इसीलिए यह स्थान सूकरखेत के नाम से प्रसिद्ध हो गया इस मंदिर का प्रमाण कई हिंदू धर्म ग्रंथो में भी मिलता है सोमवार को लाखों श्रद्धालुओं ने इस मंदिर में विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की मेले की दृष्टिगत पूरे बस का क्षेत्र में सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे अधिकारी मेला क्षेत्र में मौजूद रहकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते रहे श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए छपे छपे पर पुलिस फोर्स तैनात रही आयुष विभाग ने कैंप लगाकर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आयुष विभाग ने कैंप लगाया और उनका इलाज किया मेला क्षेत्र में लगाए गए इस दो दिवसीय निशुल्क योग आयुर्वेद कैंप का शुभ आरंभ प्रधान प्रतिनिधि पिंकू सिंह ने किया योग प्रशिक्षक आदर्श मिश्र ने श्रद्धालुओं को सुबह योग अभ्यास कराया सुबह 8:00 से चिकित्सा अधिकारियों द्वारा श्रद्धालुओं को निशुल्क आयुर्वेदिक परामर्श के साथ आयुर्वेदिक औषधियां वितरित की गई शिविर में डॉक्टर राजकुमार वर्मा डॉक्टर अनिल कुमार फार्मासिस्ट राम जी वाजपेई योग प्रशिक्षक आदर्श मिश्र प्रवीण तिवारी देवांश वीरेंद्र आदि उपस्थित रहे