प्रदेश में चल रहे आंदोलनों और विरोध प्रदर्शनों के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में एस्मा ( ESMA) लागू कर दिया है. बता दें कि 2 दिसंबर से नोएडा और ग्रेटर नोएडा के किसान लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. मांगें पूरी नहीं होने पर किसानों ने दिल्ली कूच का ऐलान किया हुआ है. इसके मद्देनजर पूरे जिले में धारा 163 लागू की गई है.
प्रदेश में चल रहे आंदोलनों और विरोध प्रदर्शनों के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में एस्मा ( ESMA) लागू कर दिया है. बता दें कि 2 दिसंबर से नोएडा और ग्रेटर नोएडा के किसान लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. मांगें पूरी नहीं होने पर किसानों ने दिल्ली कूच का ऐलान किया हुआ है. इसके मद्देनजर पूरे जिले में धारा 163 लागू की गई है.
पुलिस प्रशासन ने ऐलान किया है कि जिले में ना तो कोई धरना प्रदर्शन होगा और ना ही कोई महापंचायत. ऐसा करने वाले दर्जनों किसानों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. इस बीच सरकार ने प्रदेश के किसी भी विभाग में हड़ताल करने पर रोक लगा दी है. उत्तर प्रदेश नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग ने प्रदेश के सभी सरकारी विभागों को निर्देश जारी कि
इस कानून को लाने का मकसद था देश में बिजली सप्लाई, ट्रांसपोर्ट और मेडिकल सर्विसेस समेत जरूरी सेवाओं के मेंटेनेंस को सुनिश्चित करना था. ये कानून राज्य सरकारों को जरूरी सेवाओं को बाधित करने वालों के खिलाफ गिरफ्तारी और मुकदमा चलाने सहित सख्त कार्रवाई करने का अधिकार देता है
सार्वजनिक संरक्षण, पानी की सप्लाई, साफ-सफाई, अस्पताल और देश की रक्षा से जुड़ी सेवाएं आती हैं. इसके साथ ही पेट्रोल, कोयला, बिजली, फर्टिलाइजर, ट्रांसपोर्ट सर्विसेस, अनाज का बंटवारा को भी जरूरी सेवाओं में शामिल किया गया ह
जब कोई भी राज्य सरकार ESMA के प्रावधानों को लागू कर देती है तो सरकारी कर्मचारियों और अफसरों पर कई तरह की पाबंदी भी लग जाती है. इस दौरान राज्य सरकार के कर्मचारी जरूरत पड़ने पर ओवरटाइम करने से मना भी नहीं कर सकते.
कानून लागू होने के दौरान अगर कोई भी सरकारी कर्मचारी अगर नियमों का उल्लंघन करता है तो दोषी पाए जाने पर 1 साल की जेल और 1 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है. इतना ही नहीं, नियमों का उल्लंघन करने पर पुलिस किसी को भी बिना वारंट गिरफ्तार कर सकती है.