महाराष्ट्र में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ मुंबई पुलिस और क्राइम ब्रांच ने अपनी कार्यवाही तेज कर दी है एक अभियान के तहत घाटकोपर पुलिस ने 13 अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को गिरफ्तार किया जबकि क्राइम ब्रांच ने रविवार को देश में अवैध रूप से रहने के आरोप में 7 और व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है इन मामलों की जांच से महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है एक मामले में पिछले वर्ष क्राइम ब्रांच ने 1994 से मुंबई में रह रहे मोहम्मद इदरीश शेख उर्फ जोशीमुद्दीन बिशु दीवान नमक एक बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया था गिरफ्तारी चरनी रोड स्टेशन के पास हुई थी जांच के दौरान अधिकारियों का एक रेट चार्ट मिला जिसमें बांग्लादेशी नागरिकों द्वारा भारत में अवैध प्रवेश के लिए एजेंट को भुगतान की गई राशि का विवरण था बांग्लादेशी अवैध प्रवेश के लिए एजेंट को मोटी रकम देते हैं क्राइम ब्रांच के सूत्रों के अनुसार बांग्लादेशी नागरिक आम तौर पर बंगाल के मालदा 24 परगना मुर्शिदाबाद दिनाजपुर और चपाई नवाबगंज जैसे क्षेत्रों से भारत में प्रवेश करते हैं रेट चार्ट में मार्ग और संबंधित जोखिमों के आधार पर अलग-अलग कीमतें ताकि गई है इसमें पर्वतीय मार्ग काफी जोखिम है और प्रति व्यक्ति अवैध प्रवेश के लिए 7 से 8 हजार रुपए है अवैध प्रवेश के लिए जल मार्ग सस्ता विकल्प है इसके लिए प्रति व्यक्ति को 2 से 4 हजार देने पड़ते हैं लेकिन मगरमच्छों और बंगाल टाइगरों जैसे खतरों के कारण यह अत्यधिक खतरनाक है एक एक अधिकारी ने बताया कि कई मामलों में इस रास्ते से सीमा पार करने की कोशिश करते समय अवैध अप्रवासियों पर वन्यजीवों ने हमला किया है नतीजतन अब इस रास्ते से आने से बचा जा रहा है क्योंकि इसमें जोखिम बहुत ज्यादा है अवैध प्रवासियों के लिए समतल भूमि मार्ग सबसे सुरक्षित माना जाता है लेकिन यह महंगा है इसके लिए एजेंटों को 12000 से 15000 का भुगतान करना पड़ता है यह एजेंट अक्सर बांग्लादेश राइफल्स के सदस्यों की मिली भगत से सीमा पार करते हैं अवैध रूप से भारत में बसते हैं बांग्लादेशी भारत में अवैध प्रवेश के बाद बांग्ला देसी नागरिक संतों की मदद से दो 2000 भुगतान कर फर्जी आधार कार्ड प्राप्त कर लेते हैं यह दस्तावेज उन्हें देश के किसी भी हिस्से में बसने के योग्य माना जाता है इसके अतिरिक्त एजेंट उन्हें नौकरी दिलाने में सहायता करते हैं जिसके लिए अप्रवासियों को कमीशन देना पड़ता है एक अधिकारी ने कहा कि इन अवैध अप्रवासियों को भारत में बसाने में मदद करने के लिए एक विशाल नेटवर्क कम कर रहा है बांग्लादेशी नागरिक अपने खिलाफ केस दर्ज किए जाने से डरते नहीं है क्योंकि इससे उनके लंबे समय तक रहने की गारंटी होती है जब तक मामले में फैसला नहीं आ जाता तब तक उन्हें निर्वासित नहीं किया जा सकता इसके अलावा वह कुछ ही दिनों में जमानत पा लेते हैं और सामान्य रूप से यहां रहने लगते हैं
