गोंडा जिले की यह वही जगह है जहां पर बाबा राम मिलन दास 14 वर्ष तक समाधि में लेने रहे 1977 में ब्रह्मलीन हो गए तभी से उनके अनुयायियों द्वारा उनकी तपोभूमि की परिक्रमा की जाती है जिसका आयोजन प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष अक्षय नवमी पर किया जाता है परिक्रमा में खरगूपुर नगर सहित बलरामपुर बहराइच श्रावस्ती और नेपाल राष्ट्रीय आय हजारों की संख्या में महिला पुरुष श्रद्धालुओं ने भाग लिया स्वामी राममिलन दास की समाधि की पूजा अर्चना के बाद परिक्रमा की शुरुआत की गई परिक्रमा झाली धाम से शुरू होकर 3 किलोमीटर की परिधि मैं चलकर वापस आश्रम में समापन किया गया इस अवसर पर राम लक्ष्मण सीता हनुमान की मनमोहक झांके निकल गई परिक्रमा समाप्ति के बाद प्रवचन सांस्कृतिक कार्यक्रम और अच्छे भंडारा का आयोजन किया गया सुरक्षा व्यवस्था को लेकर खरगूपुर थाना के प्रभारी निरीक्षक कमलकांत त्रिपाठी सहित महिला पुरुष आरक्षी मौजूद रहे विधायक विनय कुमार द्विवेदी राजेश दुबे बीजेपी की जिला महामंत्री आशीष त्रिपाठी इटियाथोक ब्लॉक के प्रमुख पूनम द्विवेदी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु परिक्रमा में सम्मिलित हुए आश्रम के महंत नरसिंह दास ब्रह्मचारी के अगुवाई में रविवार को प्रातः परिक्रमा की शुरुआत हुई बताया जाता है कि झाली धाम के संस्थापक स्वामी राममिलन दास में 8 साल की अवस्था में वैराग्य जीवन धारण कर लिया था